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वक़्त

बेवक़्त ही चल पड़ा था उम्मीदों पर अपने,,,,
और वक्त ने हक़ीक़त से रूबरू करा दिया।।
@imgautam_pn

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काश ! हार गया होता

  ( जीत की ऊंचाई पर      आज अकेले बैठे हुए      बीते लम्हों को याद कर      खुद से ही  छिपाकर      आज मैं सोचता हूं      काश ! हार गया होता ।।      जाने क्यों  खुश था      उस लमहे को जीत कर      उसकी हार तो जीत थी      मेरी जीत को हार मान      आज मैं सोचता हूं      काश ! हार गया होता ।।      आखिर क्या थी वजह      उससे ही जीतने की      जो खुद ही हार कर      खुश था मेरी जीत पर      तो आज मैं सोचता हूं      काश ! हार गया होता ।।      शायद जानता ना था      या अनजान था जानकर      खुद को साबित करने की      उस गलती को मान कर      आज मैं सोचता हूं      काश ! हार गया होता ।।      चलना है आगे अब ...

गाँव

  गाँव' जब सुनते हैं ये शब्द तो क्या आते हैं ख़्याल, खुद में मगन वो नदियां पानी से भरे तालाब, हरी भरी पगडंडी पर मुस्काते हुए किसान । पर जाते हैं जब 'गांव' अस्तित्व से जूझती नदियां खाली से पड़े तालाब वीरान पड़ी गलियों पर सिसक रहा किसान।।   -पंकज नयन गौतम

उफ़्फ़! ये नींद

जब हम चाहते हैं , तब क्यों नहीं आती है ? करते हैं लाख कोशिशें, वो भी विफल हो जाती हैं। लेकिन, जब भी उसका मन हो हम रोक नहीं पाते, उफ़! क्या बताएं साहब, ये नींद बहुत सताती है । क्या समझते हो ? कि हम नहीं चाहते सुबह जागना, 'दूसरी दुनिया' वालों की तरह 'फिटनेस' को भागना, हमारी दुनिया भी किसी को समझ कहाँ आती है,,,, उफ़! क्या बताएं साहब, ये नींद बहुत सताती है । हाँ, हम भी उठे थे समझौता करके एक प्रातः काल, गए फिर 'दूसरी दुनिया' में बदलने अपनी चाल, अरे ये क्या,,,यहाँ तो दूसरी प्रजाति नज़र आती है उफ़! क्या बताएं साहब, ये नींद बहुत सताती है । देखते ही उनको लगा, कि हम भी जीत लेंगे ये 'जंग', 'बेटा तुझसे न हो पायेगा' ,ये कहने लगा  अंतरंग उस 'इतिहास' की कभी कभी याद आ जाती है। उफ़! क्या बताएं साहब, ये नींद बहुत सताती है । बीत चुके हैं अरसों अब, खुद को बदलते बदलते, अभी बस उतना ही बदले हैं, जितना 'मरते का न करते', अब जितनी भी आवाजें आती हैं,यही 'व्यंग्य' सुनाती हैं, उफ़! क्या बताएं साहब, ये नींद बहुत सताती है ।        ...

Physics वाला इश्क़

- मेरी आँखों की Radiations का   तेरे System पर incident होना, और Reflect होकर तेरे surface से, मेरे heart field पर enter करना, effect डाल Heartbeat में Motion को accelerate करना । तेरे मेरे heart charge को, Individually detect करना, एक positive एक negative Interaction से attract होना, हम दोनों के बीच gravity का, किसी Newton द्वारा पता करना । होने पर मुझे   hyperopia तेरा यूँ convex lens  का बनना, जब भी हुआ तुझे myopia मेरा भी concave lens का बनना, Telescope और   microscope बन पास या दूर को measure करना । Radio wave की frequency से तेरा बक-बक neutral बातें करना, मैं visible range  का light हूँ तेरा मेरे साथ modulation  करना, Ferromagnetic  है अपने   hearts साथ में many light years चलना । Wealth  भले हो   nano particles But bond से nuclear power होना, Cosmos में रहें या black hole में Always एक-दूसरे से related रहना  बस ऐसे ही unlimited power से...

ज़िन्दगी

करना पड़ता है वो भी, जो नहीं चाहते हम कभी। बस इसी मज़बूरी का तो नाम ज़िन्दगी है। सफल होना मक़सद नही,असफल भी होते हैं हम, बस इसके लिए किया गया काम ज़िन्दगी है। अपना गांव छोड़े, घर वार छोड़े, पर याद संजोए हुए हैं,,, अब फिर लौट आने का इंतजाम ज़िन्दगी है। रख कर दिमाग अपने घर में, निकल जाते थे दोस्तों के साथ, बस वही 'अनमोल' सुबह और शाम ज़िन्दगी है। हंसना, रोना, खाना ,सोना सबमें कुछ 'अलग' ही मज़ा था । घर में थे तो इस 'सफर' के बारे में सोचना भी सज़ा था। बस इसी पल तक हम अनजान थे 'इस' ज़िन्दगी से, 'वो' सुकून से किया गया 'आराम' ज़िन्दगी है। अब निकले हैं अनजाने सफर पर, कुछ तय करके पैमाने, ये 'करना' है और ये 'नहीं करना' , लगे खुद को समझाने , जो 'किये'  और जो 'नहीं किये' सब बन गए ज़िन्दगी के 'किस्से'; अब जो भी हम हासिल करेंगे, वही मुक़ाम ज़िन्दगी है।