ये है क्या,
जो किसी के पास नहीं है,
पास होते हुए भी यह,
पता नहीं क्यों नहीं है
हमेशा जिसे देखो तब,
अरे यार समय नही है ।
यदि समय नही है
तो कैसे कर लेते हो कुछ,
इस चीज़ के लिए नहीं तो
किसके लिए बहुत कुछ,
नही बताया उसने क्योंकि
अरे यार समय नहीं है।
समय भी कैसा है
ये दूसरों के लिए तो है,
जिनसे है मात्र दिखावा,
ऐसा नहीं कि और नहीं है
बात अपनों की हो तो,
अरे यार समय नहीं है।
है किसके पास
कहीं ऐसा तो नही है
कि इसका वजूद ही नहीं,
लेकिन ऐसा तो नहीं है,
ढूंढ़ेंगे हम इसे लेकिन,
अरे यार समय नहीं है।
चलो ठीक है,
मान लेते हैं कि नहीं है,
कुछ तुम निकालो कुछ मैं,
हां, ये बिल्कुल सही है
इतना भी न हुआ क्योंकि
अरे यार समय नहीं है।
ये समय है
बस इसे पहचान लो तुम
निकालोगे जरूर मेरे लिए
थोड़ा जल्दी, जान तो तुम
कहीं मैं भी न बोल दूँ कि
अरे यार समय नहीं है।
-पंकज 'नयन' गौतम
भाई ज़िन्दगी का कड़वा सच लिखा है तुमने
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ऐसे ही अपने विचारों को हम तक पहुंचाते रहो
बिल्कुल भाई आप यूं ही पढ़ते रहोगे तो हम अपने विचार व्यक्त करते रहेंगे।
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DeleteMxt h shubham
ReplyDeleteसही गुरुदेव??
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद भ्राते❤❤
👌👌
ReplyDelete=बहुत सही गुरु लिखा है आपने 👍👍
इसका मतलब बहुत सही पढ़ा है गुरु आपने😊
DeleteBadhiya
ReplyDeleteThanks!
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