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आलिंगन

 

सुबह की धूप सा इश्क़ तेरा
और ओस की बूंदों सा मैं
आलिंगन की अंतिम परिणति
मिल जाऊँ बस तुझमे मैं ।।
       -पंकज नयन गौतम

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